Monday, June 25, 2007

Celina Jaitley

अपनी आंखो के समुंद मे उतर जाने देतेरा मुजरिम हूं मुझे डूब के मर जाने देए मेरे दोस्त मै समझाऊ तुझे भी अपनापहले माज़ी का कोए ज़ख्म तो भर जाने देआग दुनियाँ की लगायी हुई बुझ जायेगीकोई आंसू मेरे दामन पे बिखर जाने देज़ख्म कितने तेरी चाहत से मिले है मुझकोसोचता हूं की कहूं तुझसे मगर जाने देअपनी आंखो के समुंद्र मे उतर जाने देतेरा मुजरिम हूं मुझे डूब के मर जाने द

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